देश में लगातार बढ़ रही  (CORONAVIRUS) कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या, 562 पहुंची.


Coronavirus Cases:- 422,959,Deaths:- 18,906 ,Recovered:- 109,143

कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में इससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी में मौत का दूसरा मामला सामने आया। वहीं, तमिलनाडु में भी एक मौत हुई है। देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 562 हो गई।



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कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में आज से लॉकडाउन शुरू हो गया है। यह लॉकडाउन 21 दिनों का है। 14 April tak Lockdown.

पीएम मोदी ने मंगलवार रात लॉकडाउन की घोषणा करते हुए लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने को कहा। उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन कर्फ्यू जैसा ही होगा। हालांकि, जरूरी सेवाओं की चीजें पहले की तरह ही चलती रहेंगी।

Bihar sarkar -  Corona se death ko accidental death ki category me rakha gaya hai aur aise me marne wale ke pariwaar ko 2 lakh rupee dene ka ailaan kiya hai.

Spain me ek din me 514 logo ki death,5000 health person is also infected by CORONA.

Britain me ek din me sabse jada 87 death, totle death 422.


कोरोना वायरस से बच्चों-बुजुर्गों को कैसे बचाएं? ये 10 बातें रखें याद



कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है. ऐसे समय में बच्चों का भी काफी ध्यान रखने की जरूरत है.  बुजुर्गों और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है ऐसे में यह वायरस उन्हें आसानी से शिकार बनाता है. 

आइए जानते हैं कि आखिर कैसे कोरोना वायरस से बच्चों और बुजुर्गों का बचाव किया जा सकता है.


1. बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दें. यदि किसी कारणवश उन्हें बाहर जाना भी पड़ रहा है तो मुंह को मास्क से अच्छी तरह कवर करें.


2. बच्चों और बुजुर्गों को बार-बार हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दें. इसके अलावा घर या बाहर किसी भी चीज को छूने के बाद अच्छे से हाथ धुलवाएं.

3. यदि घर में कोई पीड़ित व्यक्ति है तो बच्चों और बुजुर्गों को उनसे दूर रखें. अंजान व्यक्ति से तकरीबन 3 से 6 फीट की दूरी बनाए रखें.

4. बच्चों और बुजुर्गों के नाखून बिल्कुल न बढ़ने दें . ऐसी जगहों पर कीटाणु-बैक्टीरिया बड़ी आसानी से जगह बना लेते हैं.


5. बच्चों और बुजुर्गों को सार्वजनिक स्थलों या ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर न ले जाएं. इससे वायरस की चपेट में आने का खतरा काफी बढ़ जाता है.

6. घर की वो चीजों जिन पर आप बार-बार हाथ लगाते हैं, उन्हें समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें.


7. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अपने बच्चों और बुजुर्गों को सामान्य हाइजीन की आदतों के बारे में बताएं.

8. बच्चों और बुजुर्गों के इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए उनकी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करें. कच्चा मांस या कच्ची हरी सब्जियां देने से परहेज करें.

9. घर में लॉकडाउन रहते हुए किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में दाखिल न होने दें. साथ ही रिश्तेदारों या दोस्तों के घर जानें से भी बचें.

10. कोरोना वायरस के बारे में बच्चों और बुजुर्गों समेत घर के अन्य सदस्यों को जागरूक करें और उन्हें मुंह पर मास्क पहनने और हाथ धोने जैसी बातें बताएं.

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5 दिन में दिखें ये 3 लक्षण, तो जरूर करवा लें कोरोना वायरस की जांच



हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पहले 5 दिनों के भीतर शरीर में 3 खास लक्षण नजर आने पर कोरोना वायरस की शिकायत हो सकती है.



जर्नल एनल ऑफ इंटरनल मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस के तीन खास तरह के लक्षण पहले पांच दिनों के अंदर सामने आ जाते हैं. 


CORONAVIRUS ---आइए जानते हैं ये 3 लक्षण क्या हैं.


1. अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा जारी इस रिपोर्ट बताया गया है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद पहले 5 दिनों में इंसान को सूखी खांसी आनी शुरू हो जाती है.

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2. मरीज को तेज बुखार चढ़ने लगता है और उसके शरीर का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अब तक कई हेल्थ एक्सपर्ट कोरोना वायरस में तेज बुखार चढ़ने का दावा कर चुके हैं.

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3. कोरोना वायरस की शिकायत होने पर पहले 5 दिनों में इंसान को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सांस की समस्या फेफड़ों में बलगम फैलने की वजह से होती है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरोना वायरस से मिलते-जुलते लक्षण आम-सर्दी जुकाम, फ्लू, इंफेक्शन या निमोनिया से काफी मिलते-जुलते हैं.
लेकिन सामान्य तौर पर होने वाले फ्लू-इंफेक्शन में कुछ दिनों के भीतर मरीज की रिकवरी होने लगती है. जबकि निमोनिया कुछ हफ्तों या महीने तक रहता है.

कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे आसान तरीका है कि आप थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धोते रहें. चेहरे, नाक या मुंह पर हाथ न लगाएं और कम से कम लोगों से मिलें.

CORONAVIRUS -- कोरोना वायरस में इन 10 बातों का रखें खास ध्यान

1. सीडीसी (सेंट्रल डिसीज कंट्रोल फॉर प्रीवेंशन) ने लोगों को सलाह दी है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. किसी भी चीज को हाथ लगाने के बाद करीब 20 सेकंड तक हाथों को अच्छे से धोएं.

2. कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें. जुकाम या खांसी से पीड़ित व्यक्ति से करीब 6 फीट की दूरी रखें.

3. अगर आप कोरोना वायरस का शिकार हैं तो अपना ध्यान रखने के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति के नजदीक न जाएं. इससे बढ़ते खतरे को रोकने में आसानी होगी.

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4. कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जाने से परहेज करें. घर में रहें और डॉक्टर की सलाह मानकर चलें.

5. अपने हाथों से आंख, मुंह या नाक पर बार-बार हाथ न लगाएं. यदि ऐसा करते भी हैं तो साबुन या सैनिटाइजर से हाथों को अच्छी तरह साफ करें.

6. ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह पर ना जाएं. फोन या दूसरी जरूरी चीजें जिनका आप ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें भी सफाई का विशेष ध्यान रखें.

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7. अगर आपको बुखार, कफ और सांस में लेने में दिक्कत जैसी समस्या है और आप पिछले 14 दिनों में इस वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति से मिले हों तो इसे नजरअंदाज ना करें. अपने डॉक्टर को तुरंत पूरी जानकारी दें.

8. मुंह ढंके बिना न छीकें. खांसी या छींक आने के दौरान अपने मुंह को टिशू पेपर से कवर करें और उसे तुरंत किसी बंद डस्टबिन में फेंक दें.

9. कच्चा-अधपका मांस न खाएं. नॉनवेज खाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें. हाइजीन का विशेष ध्यान रखें और ठीक से पका हुआ ही नॉनवेज खाएं.

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10. हालांकि लोग कोरोना वायरस को लेकर काफी सतर्क हो चुके हैं लेकिन फिर भी आपको कितना भी जरूरी काम क्यों न हो, इस दौरान भूलकर भी चीन न जाएं. इसके अलावा, जिन देशों में कोरोना संक्रमण फैला है, उन देशों की यात्रा भी ना करें. सरकार की तरफ से भी इस तरह की चेतावनी लगातार जारी की जा रही है.

कोरोना को लेकर अमेरिका से भिड़ा चीन, पूछा- फ्लू से मौतें हुईं या कोरोना से?

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कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों देश कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए लगातार एक-दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं. सोमवार को फ्रांस में चीनी दूतावास ने एक बार फिर साबित करने की कोशि की कि कोरोना वायरस अमेरिका से ही शुरू हुआ. 

चीनी दूतावास ने ट्वीट में इस बात का इशारा किया कि जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीनी वायरस कह रहे हैं, वह अमेरिका में ही पैदा हुआ है.

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CORONAVIRUS-- कोरोना वायरस आपके फेफड़ों के साथ क्या करता है, जानिए

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. भारत में भी इस वायरस ने अपना कोहराम मचाया हुआ है. इसके मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. Covid-19 की शुरुआत 2019 के नवंबर के महीने में हुई थी.

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2019 में लोगों को ये बीमारी न्यूमोनिया जैसे लक्षणों से शुरू हुई थी और इसकी वजह भी नहीं पता चल पा रही थी. कुछ दिनों बाद इस तरह के न्यूमोनिया का कारण नया वायरस Sars-CoV-2 पाया गया. इस वायरस के कारण होने वाली महामारी Covid-19 के नाम से फैल रही है जिसे कोरोना वायरस भी कहा जाता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से इस पहले ही महामारी घोषित किया जा चुका है. WHO के अनुसार छह में से कोई एक व्यक्ति कोरोना वायरस की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ता है और उसे सांस लेने में तकलीफ होती है.

CORONAVIRUS--- लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है ये वायरस?

आखिरकार न्यूमोनिया कोरोना वायरस जैसे गंभीर बीमारी में कैसे बदल जाता है और ये हमारे फेफड़ों और पूरे शरीर को कैसे प्रभावित करता है? र

जॉन विल्सन ने बताया कि Covid-19 के सभी गंभीर मामलों में न्यूमोनिया के लक्षण पाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि Covid-19 के मरीजों को चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है.

सबसे कम गंभीर वे लोग होते हैं जो जिनमें वायरस है लेकिन इसके कोई लक्षण नहीं है. दूसरे नंबर पर वो लोग हैं जिन्हें इन्फेक्शन के बाद सांस लेने में दिक्कत, बुखार, कफ, सिर दर्द या कंजक्टिवाइटिस जैसे हल्के लक्षण दिखाई देते हों

विल्सन के अनुसार, 'मामूली लक्षण वाले लोग भी इस वायरस को फैला सकते हैं और उन्हें इस बारे में पता भी नहीं चलता है. तीसरे नंबर पर वो लोग आते हैं जिनमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और ये कुछ भी कर पाने में असहाय होते हैं. इनमें Covid-19 पॉजिटिव पाया जाता है.

आखिरी में वो लोग आते हैं जो न्यूमोनिया की वजह से गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं. विल्सन ने बताया कि वुहान में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों में लगभग छह फीसदी लोग ऐसे थे जो गंभीर रूप से बीमार थे.

CORONAVIRUS--  न्यूमोनिया कैसे होता है?

विल्सन ने बताया कि कोरोना वायरस के मरीजों को जब कफ और बुखार होता है, तो इसके इन्फेक्शन से श्वास नली को नुकसान पहुंचता है और उसमें सूजन आ जाती है. इसकी वजह से वायुमार्ग की नसों में भी दिक्कत आ जाती है.

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स्थिति तब गंभीर हो जाती है जब यह वायुमार्ग से होता हुआ गैस एक्सचेंज यूनिट में चला जाता है, ये यूनिट ऑक्‍सीजन के आवागमन का काम करती है. इस यूनिट में संक्रमण की वजह से फेफड़ों की थैलियों में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से न्यूमोनिया हो जाता है.

विल्सन के अनुसार, 'सूजन की वजह से फेफड़ों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है. शरीर की ऑक्सीजन लेने और कार्बनडाइ ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता भी कम होने लगती है और न्यूमोनिया की ये गंभीर स्थिति मौत का कारण बन जाती है.'

क्या कोरोना वायरस का न्यूमोनिया अलग है?

ऑस्ट्रेलिया के सीनियर फिजिशियन क्रिस्टिन जेनकिंस का कहना है कि Covid-19 का न्यूमोनिया कई मामलों में अलग है. 'अस्पताल में भर्ती होने वाले आम न्यूमोनिया के केस में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है जिनका इलाज एंटीबायोटिक से किया जाता है.'

वहीं विल्सन का कहना है कि कोरोना वायरस में होने वाला न्यूमोनिया ज्यादा गंभीर होता है और ये शरीर के छोटे अंगों की बजाय पूरे फेफड़े पर असर डालता है.


जेनकिंस का कहना है कि आमतौर पर, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को न्यूमोनिया होने का खतरा होता है. इसके अलावा डायबिटीज, कैंसर, फेफड़ों, किडनी और दिल की बीमारी से जूझ रहे लोग और नवजात शिशु भी आसानी से इसके चपेट में आ जाते हैं.

जेनकिंस ने कहा, 'उम्रदराज लोगों के लिए निमोनिया बहुत ही खतरनाक है. आप कितने भी स्वस्थ और एक्टिव क्यों न हो, उम्र बढ़ने के साथ-साथ न्यूमोनिया का खतरा बढ़ता ही जाता है







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