Coronavirus: कोरोना को ले 31 मार्च तक पूरा बिहार लॉक डाउन, सूबे में एक की मौत; तीन केस पॉजिटिव
बिहार में कोरोना ने दस्तक दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। तीसरे मरीज की पुष्टि रविवार की शाम में हो गयी। कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज एनएमसीएच के आइसोलेनशन वार्ड में चल रहा है। बताया जाता है कि कोरोना वायरस से पीडि़त 19 साल का युवक स्कॉटलैंड से आया है। उसकी जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है।
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World Data Of Corona Virus
Coronavirus Cases:-338,724Deaths:-14,687
Recovered:-99,003
कोरोनावायरस न्यूज़ लाइव अपडेट: भारत केस की गिनती 415 हो गई,ज्ञात मामलों के संदिग्ध मामलों और संपर्कों के बीच कुल 415 की पुष्टि की गई है।
Arvind Kejrival: दिल्ली में 30 केस -23 विदेश से लौटे लोग, 7 उनसे संक्रमित उनके परिवार वाले। फ़िलहाल दिल्ली की स्थिति नियंत्रण में.
दूसरे देशों से पता चलता है कि अगर अभी सख़्ती नहीं की तो स्थिति जल्द बेक़ाबू हो सकती है। इसलिए लॉकडाउन का पालन करें ताकि स्थिति बेक़ाबू ना हो.
However, is India’s move to lockdown much of the world’s second-most populous country enough to soften the impact of the coronavirus outbreak?
Prime Minister Narendra Modi said on Sunday the 14-hour 'Janta Curfew' is the beginning of a long battle against coronavirus outbreak and the countrymen have proved that together they can defeat any challenge.
"Today's Janta Curfew may end at 9.00 pm, but this does not mean we start celebrating," he tweeted.
He said the self-imposed curfew should "not be considered as a success" as it is the "beginning of a long battle"
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BEST EXAMPLE OF JANTA CARFUE- MUST WATCH
PM मोदी ने दिया धन्यवाद
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देश ने एक मन होकर धन्यवाद अर्पित किया. देशवासियों का बहुत-बहुत आभार.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘ये धन्यवाद का नाद है, लेकिन साथ ही एक लंबी लड़ाई में विजय की शुरुआत का भी नाद है. आइए, इसी संकल्प के साथ, इसी संयम के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए अपने आप को बंधनों (सामाजिक दूरी) में बांध लें.’
मोदी कहा, ‘‘आज का जनता कर्फ्यू भले ही रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सेलिब्रेशन शुरू कर दें. इसको सफलता न मानें. यह एक लम्बी लड़ाई की शुरुआत है. आज देशवासियों ने बता दिया कि हम सक्षम हैं, निर्णय कर लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एक होकर हरा सकते हैं.’’ इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बिना भय और अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना काम करने वालों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें.
पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री आवास पर उच्चस्तीय बैठक के बाद 31 मार्च तक सभी जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय, और नगर निकाय मुख्यालय को लॉक डाउन का आदेश जारी कर दिया गया है. सरकार ने इसे तात्काल लागू कर दिया है.
इन सेवाओं को इस आदेश से रखा गया अलग
निजी चिकित्सा सेवा
दूरसंचार सेवा
बैंकिंग एवं एटीएम सेवाएं
डेयरी से संबंधित प्रतिष्ठान
किराने की दुकानें
फल सब्जियों की दुकानें
दवा की दुकानें
सर्जिकल आइटम संबंधित संस्थान
पेट्रोल पंप एवं सीएनजी स्टेशन
एलपीजी गैस एजेंसी
पोस्ट ऑफिस एवं सेवाएं ई-कॉमर्स सेवाएं
इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया
बिहार सरकार के आदेश के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 की धारा 2, 3 एवं 4 में अंकित सेवाओं को छोड़कर सभी निजी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय एवं सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का आदेश दिया गया है.
आदेश के मुताबिक सभी जिला मुख्यालय, सभी अनुमंडल मुख्यालय, सभी प्रखंड मुख्यालय एवं सभी नगर निकायों पर यह आदेश लागू रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से फिलहाल 31 मार्च 2020 तक लागू रहेगा।
बिहार में लॉक डाउन :
क्या होता है लॉकडाउन?
जवाब: लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है जो सामान्य तौर पर लोगों को एक निश्चित इलाके में रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है. दुनियाभर के कई देशों में ऐसा हो रहा है.
फुल लॉकडाउन का मतलब होता है कि लोग अपने घरों से बिल्कुल बाहर नहीं निकल सकते जब तक कि कोई बेहद वाजिब वजह न हो या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं हो.
इसमें आम जनता को क्या करना चाहिए?
लॉकडाउन में सरकार ये चाहती है कि लोग एक जगह से दूसरी जगह आवाजाही नहीं करें. सरकार की व्यवस्था पर अमल करें. चूंकि ये लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित किया गया है. लिहाजा सरकार कतई नहीं चाहती कि कहीं भी लोगों का जमावड़ा और बाहर निकलने पर आप संक्रमण के शिकार हो जाए. बल्कि सरकार इसके जरिए आपको महफूज रखने का काम करती है. इस पर अमल करना जरूरी. अलबत्ता किसी गम्भीर मरीज या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो तो जरूर घर से बाहर निकल सकते हैं.
क्या लॉकडाउन में सब्जी, दूध और ज़रूरी दुकानें खुलेंगी?
दूध, सब्जी, किराना और दवाओं की दुकानें लॉकडाउन के दायरे से बाहर होती हैं. लेकिन इन दुकानों पर बेवजह भीड़ लगाने से बचना बेहद जरूरी होता है.
एटीएम और पेट्रोल पंप लॉकडाउन में खुलते हैं?
राज्य सरकार ने पेट्रोल पंप और एटीएम को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखा है. सरकार जरूरत के हिसाब से पेट्रोल पंप और एटीएम खुलवा सकती है. यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर ज्यादा निर्भर है. अगर स्थानीय प्रशासन चाहे तो पेट्रोल पंप चला सकती है अथवा बंद भी कर सकती है.
क्या लॉकडाउन में निजी गाड़ियां कोई चला सकता है?
किसी भी जिले को लॉकडाउन के बाद निजी गाड़ियों का इस्तेमाल हो सकता है बशर्ते इससे लोगों को परेशानी ना हो, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने लॉकडाउन में निजी वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. उसके बदले सार्वजनिक वाहनों या टैक्सियों के इस्तेमाल की इजाजत दी है.
क्या आप अपनी मेड को काम पर बुला सकते हैं?
नहीं. लॉकडाउन का निर्णय ही इसलिए लिया गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग की जा सके. दिल्ली-एनसीआर की ज्यादातर सोसायटी में अगले 31 मार्च तक मेड पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर आप किसी सोसायटी में नहीं रहते हैं और आपके घर मेड आती हैं तो बेहतर होगा कि आप उसे मना कर दें. हां, इन दिनों की छुट्टी के लिए उसकी सैलरी न काटें. याद करें पीएम मोदी की अपील.
ड्राइवर को बुला सकते हैं या नहीं?
जवाब: मेड वाला नियम आपके पर्सनल ड्राइवर पर भी लागू होगा. वैसे तो लॉकडाउन के दौरान कहीं भी बाहर निकलने की मनाही होती है लेकिन अगर किसी इमरजेंसी में आपको बाहर निकलना पड़े तो गाड़ी खुद ड्राइव करें.
क्या रेस्टोरेंट खुले रहेंगे?
क्या आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं?
जवाब: लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट तो खुले रहेंगे लेकिन आप वहां जाकर खाना नहीं खा सकते हैं. हां, आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं. किसी ऑनलाइन पोर्टल से भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं. हालांकि ये भी प्रशासन तय करेगा कि कौन से रेस्टोरेंट खुलेंगै और कौन से नहीं.
क्य अखबार और दूध की डेलिवरी होती रहेगी?
जवाब: अखबार और दूध की डेलिवरी होती रहेगी. हो सकता है कि अगर आपकी सोसायटी के भीतर दूध और अखबार डेलिवरी वाले को अंदर न आने दिया जाए तो आपको गेट पर कलेक्ट करने जाना पड़ सकता है
क्या दौड़ने या टलहने जाया जा सकता है?
जवाब: सरकारी आदेश के मुताबिक जिम पर तो प्रतिबंध लगा दिया गया है. गार्डन में भी लॉकडाउन की वजह से नहीं निकला जा सकता है. हां अगर आपके सोसायटी परिसर के भीतर ऐसे समय में टहल या दौड़ सकते हैं जब भीड़ बिल्कुल न हो. हालांकि बेहतर होगा कि आप इस दौरान अपने घर के भीतर या छत पर एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करें. ध्यान रखिए कि इस समय सोशल डिस्टेंसिंग बेहद ज्यादा आवश्यक है. आप घर के बाहर अकारण नहीं घूम सकते हैं.
क्या अस्पताल जा सकते हैं?
जवाब: हां, बिल्कुल. लॉकडाउन के दौरान अगर आपको या आपके परिवार में किसी को कोई दिक्कत हो तो आप अस्पताल जा सकते हैं. इसमें आप खयाल रखिए अगर आपको कोई हल्की समस्या है तो आप फोन के जरिए भी किसी परिचित डॉक्टर से संपर्क साध सकते हैं. ज्यादा दिक्कत होने पर ही घर से बाहर निकलें.
क्या ऐसे करीबी लोगों के साथ पार्टी की जा सकती है जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं
जवाब: नहीं. लॉकडाउन आपको किसी भी तरह के एंटरटेनमेंट की छूट नहीं देता. आप जिन्हें जानते भी हैं उनके साथ भी पार्टी नहीं कर सकते. कोरोना संक्रमण के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसके लक्षण कुछ दिनों बाद पता चलते हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के साथ आपने पार्टी की और बाद में वो कोरोना मरीज निकला तो आप भी मुश्किल में पड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में सरकार आप पर कार्रवाई भी कर सकती है. याद रखिए किसी भी तरह की भीड़ इकट्टठा करने पर प्रशासन आप पर कार्रवाई कर सकता है
क्या किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है?
जवाब: नहीं, लॉकडाउन के दौरान आप ऐसे किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते जिसमें भीड़ इकट्ठा हो. देश के कई राज्यों में सभी धार्मिक स्थलों पर रोक लगा दी गई है. ऐसा भीड़ से बचने के लिए ही किया गया है. ऐसे में अगर आपको पूजा या ध्यान करना हो तो घर में अकेले करें, किसी भी आयोजन को टाल दें.
कोरोना से होनेवाले संक्रमण की गंभीरता तथा हाल में कुछ लापरवाहियां बरती गईं हैं,
उनकी तरफ माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ। माननीय मुख्यमंत्री जी आपके कुशल नेतृत्व, दूरदर्शी सोंच व पहले से हीं कोरोना से लड़ने के इंतजाम के कारण कल तक कोई कोरोना से पीड़ित नहीं पाया गया था। परंतु आज AIIMS पटना में कोरोना के कारण एक नवयुवक की मौत हो गई और सबसे बड़ी लापरवाही यह बरती गई कि उसके शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। आदरणीय मुख्यमंत्री जी इस गंभीर घटना के कारण कई लोग इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं इसकी तुरंत जांच करवाके जो भी लोग संपर्क में आए हैं उनको आइसोलेट करवाने का प्रबंध करवाएँ। एक बहुत बड़ी घटना यह घटित हो रही है कि अन्य प्रदेशों में जहाँ कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं वहाँ से बिहारी लोगों का पलायन हो रहा है जो ट्रेन के माध्यम से सीधे उतर कर अपने घर आ रहे हैं। लेकिन रेलवे स्टेशन पर ना ही उनकी कोई जांच हो रही है ना ही कहीं और।
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यह बिल्कुल संभव है कि उनमें यदि कोई भी कोरोना से पीड़ित है तो वो संक्रमण फैलाने के लिए काफी है। बाहर से आनेवाले व्यक्तियों की समुचित जांच या उनको कही आइसोलेट करके रखा जाए इसकी त्वरित व्यवस्था की ओर आपका ध्यान ले जाना चाहता हूँ अन्यथा उनका संक्रमण कहीं हमारे प्रदेश में इस महामारी का फैलाव न कर दे।
साथ हीं जो लोग दूसरे प्रदेशों से आए हैं उनकी तुरंत जांच करवाई जाए।आप दूरदर्शी हैं और आपके कुशल नेतृत्व पर हम सबको भरोसा है। हम सभी आपके हर फैसले के साथ हैं चाहे वो कितना भी कठोर क्यों न हो।
कोरोना को जो नही समझ पा रहे या मजाक समझ रहे हैं वो केवल 5 बातों पर ध्यान दे कर देखें :-
1:- जन्म से लेकर अब तक कितनी बार आपकी कॉलर ट्यून बदली है सरकार ने ?
2:- आज तक कितनी बार दो देशों की सीमाओं को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया ?
3:- कितनी बार विद्यालयों की परीक्षा रद्द की गई या मॉल , सिनेमाघर इत्यादि बन्द रहे हैं ?
4:- कितनी बार न्यायालय या अन्य कार्यालय बन्द होते दिखे ?
5:- कितनी बार सरकार ने किसी वायरस के चलते धारा 144 लगाई ?
समस्या यह है कि सरकार जनता को पूरी बात इसलिए नही बता रही कि कहीं जनता घबराए ना । लेकिन चेतावनी लगातार दे रही है और पूरे प्रयास कर रही है कि जनता सुरक्षित रहे। लेकिन जनता को मजाक से फुरसत नही है । जिन्हें अभी भी समझ नही आ रहा वो गूगल पर इटली ओर चीन की स्थिति देखेंजनता कर्फ़्यू के पीछे लॉजिक
चूंकि एक स्थान पर कारोना वायरस का जीवन 12 घंटे और जनता कर्फ्यू 14 घंटे के लिए होता है, इसलिए सार्वजनिक क्षेत्रों के स्थान या बिंदु जहां कारोना बच सकता है, उसे 14 घंटे तक नहीं छुआ जाएगा और इससे श्रृंखला टूट जाएगी।
14 घंटे के बाद हमें जो मिलेगा वह एक सुरक्षित देश होगा।
वह विचार है पीछे। आगे यह एक ड्रिल होगा यदि निकट भविष्य में अधिक समय तक आवश्यकता होगी ...
विशेष अपील- कोरोना के लिए --ये सप्ताह कैरोना के लिए बेहद वाइटल है।
इसे #community_stage कहते हैं। इस समय रुक गया तो ठीक... नहीं तो महामारी स्टेज में चला जाएगा। फिर हम सब इसकी ज़द में आ सकते हैं।इटली में लोगों ने शुरू में हल्के से लिया। छूट्टी समझ कर पार्टी करते रहे, दोस्तों रिश्तेदारों से मिलते रहे जिससे ये कम्युनिटी में फैल कर अब महामारी बन गया है।कौन किसमें फैला रहा है, सरकार पकड़ ही नही पा रही ।
भय, अवसाद, अनिद्रा, अकेलापन...आज इटली का यथार्थ है। जिससे निकलने में वर्षो लग जाएंगे।आपकी ज़िंदगी आपके माँ बाप, भाई- बहन, मित्रों के लिए बेहद मायने रखता है। आप पर न जाने कितने लोगों की जिम्मेवारियां हैं। इसलिए जिम्मेवार बनिये।
SO PLEASE, इसे हल्के में मत लीजिए और जितना हो सके, अकेले में समय बिताइए। अच्छी किताबें पढ़िए, FB,WHATSUP,YOUTUBE चलाइये, मूवी डाऊनलोड करके देखिए। पर प्लीज़ अकेले रहिये।आपकी लापरवाही और मज़ाक आप पर, आपके अपनों पर बहुत भारी न पड़ जाए।
सतर्क रहे।
दुनिया में कोरोना के रोगी की संख्या कैसे बढ़ी..
न्यूयार्क-पहला सप्ताह - 2,दूसरा सप्ताह - 105,तीसरा सप्ताह - 613
फ्रांस-पहला सप्ताह - 12,दूसरा सप्ताह - 191,तीसरा सप्ताह - 653,चौथा सप्ताह - 4499
ईरान-पहला सप्ताह - 2,दूसरा सप्ताह - 43,तीसरा सप्ताह - 245,चौथा सप्ताह - 4747,पांचवां सप्ताह - 12729
इटली-पहला सप्ताह - 3,दूसरा सप्ताह - 152,तीसरा सप्ताह - 1036,चौथा सप्ताह - 6362,पांचवां सप्ताह - 21157
स्पेन-पहला सप्ताह - 8,दूसरा सप्ताह - 674,चौथा सप्ताह - 6043
भारत-पहला सप्ताह - 3,दूसरा सप्ताह - 24,तीसरा सप्ताह - 105
साफ है अगले दो हफ्ते भारत के लिए निर्णायक हैं। दो हफ्ते ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर रहें और विशेषज्ञों द्वारा बताई जा रही अन्य सावधानियां बरतें। हमें इस महामारी के तीसरे चरण में पहुंचने से बचना है जिसमें वायरस सामाजिक संपर्क और भीड़-भाड़ से बड़े स्तर पर फैलता है। इसलिए अनेक कार्यक्रमों और लोगों के इकठ्ठे होने पर रोक लगाई गई है। यह एक भारी विपत्ति है। इसको बिल्कुल हल्के में न लें। यह न समझें कि आपको कुछ नहीं होने वाला या लोग बेकार डर रहे हैं। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। यहां रोग का फैलाव तीसरे और चौथे चरण में कहीं ज्यादा विकराल होगा। इससे बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान देना होगा। कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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